दौलत ना शौहरत ना कोई हूर की चाहत है

दौलत ना शौहरत ना कोई हूर की चाहत है…
यही पैगाम जहां को मेरे नाम कर देना…
“दोस्तों” मिलें तुम्हे ज़िन्दगी में बेशुमार खुशियाँ…

बस कतरा-ए-मौहब्बत ही मेरे नाम कर देना..

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