एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं
एक अजीब सा
मंजर नज़र आता हैं …
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना ..
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना ..
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं
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