जब भी उसके नाज़ुक बदन को छूता हूं

जब भी उसके नाज़ुक बदन को छूता हूं
समंदर की लहरों सा महसूस करता हूं
छुई मुई सी है मानो वह मेरी जानम

एक छुवन से उसके मुरझाने से डरता हूं

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