पत्थर का ना बना कर शीशे का बनाया होता.. लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप मार्च 15, 2015 ऐ खुदा…… तूने दिल को पत्थर का ना बना कर शीशे का बनाया होता.. तो तोड़ने वाले को कम से कम जख्म टू आया होता.. जो विठा दिया हैं यहाँ तनहा मुझे.. उसे भी कम से कम दर्द का एहसास तो दिलाया होता… लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; अक्टूबर 03, 2015 सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; ये मेरे होंठों पे पहली फरियाद होती है। सुप्रभात! और पढ़ें
जुदाई आपकी रुलाती रहेगी; अक्टूबर 03, 2015 जुदाई आपकी रुलाती रहेगी; याद आपकी आती रहेगी; पल-पल जान जाती रहेगी; जब तक जिस्म में है जान; मेरी हर सांस यारी निभाती रहेगी। गुड मॉर्निंग! और पढ़ें
सुबह की हलकी रौशनी, परिंदो के सुरीले गीत, अक्टूबर 03, 2015 सुबह की हलकी रौशनी, परिंदो के सुरीले गीत, हवा के मधेयम झोंके, रंग बिरंगे फूलों की दीद। सुप्रभात! और पढ़ें
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