मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला …… हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला ………….. लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से …… और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला
कि आज इन फिजाओ मे कुछ अजीब सा नशा है .... लोग ना जाने क्यों इश्क करने वालो को बुरा कहते है ... अरे उन कमबख्तो को क्या पता ..... कि इश्क करने में क्या मजा है .
सितारों के आगे भी कोई जहाँ होगा, जो न देखा कभी वो समां होगा. उस जहाँ के सारे हसीं नजारो की कसम, आप सा हसीं दोस्त दूसरा कहाँ होगा ! Sitaron ke aage bhi koi jahan hoga, jo na dekha kabi wo sama hoga. Us jahan ke sare hasin nazaro ki kasam, aap sa hasin dost dusra kahan hoga !
रौशनी हो तो दिया जलता है, शमा हो तो परवाना जलता है. रिश्ता न बने तो दिल जलता है, आप जो मेरे साथ हो तो ज़माना जलता है. Roshni ho to dia jalta hai, shama ho to parwana jalta hai. Rishta na bane to dil jalta hai, aap jo mere saath ho to zamana jalta hai.
तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये; तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये; खुदा खुशियों से इतना खुश कर दे आपको; कि आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाये। सुप्रभात!
कोई-कोई शख्स इतना ख़ास होता है; नजरों से दूर पर यादों में पास होता है; कभी-कभी ही आता है मैसेज उनका; पर हर मैसेज से अपनेपन का एहसास होता है। गुड मॉर्निंग!
जैसे सूरज के बिना सुबह नहीं होती; चाँद के बिना रात नहीं होती; बादल के बिना बरसात नहीं होती; वैसे ही आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती। सुप्रभात!
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा ! सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा !! जो लम्हे हैं चलो हँस कर बिता ले...! जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा !! good evening
सुभ प्रभातम **सभि दोस्तो और दुस्मनो को सुभ प्रभात**** कहां से लायें वो शब्द, जो आपके दिल को छु जाये, कैसे मिले हम आपसे एक पल मे, कि आपको हजार पल कि खुशियां दे जाये..!!
हर सुबह की धूप कुछ याद दिलाती है; हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है; तुम मानो न मानो पैर यह सच है मेरे यार; सुबह होते ही तुम्हारी याद आ जाती है। सुप्रभात!
यूँ कभी तबाही का जश्न मना लेते हैं,,, अपनी पलकों पे सितारों को सजा लेते हैं,,, तुम तो अपने थे ज़रा हाथ बढाया होता,,, गैर भी डूबने वाले को बचा लेते हैं...
दिल मैं तम्मनाओं को दबाना सीख लिया,,, गम को आँखों मैं छुपाना सीख लिया,,, मेरे चहरे से कोई बात ज़ाहिर न हो,,, इसीलिए दबा के होठों को मुस्कुराना सीख लिया...
यूँ कभी तबाही का जश्न मना लेते हैं,,, अपनी पलकों पे सितारों को सजा लेते हैं,,, तुम तो अपने थे ज़रा हाथ बढाया होता,,, गैर भी डूबने वाले को बचा लेते हैं...
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,,, हाय मौसम की तरह लोग बदल जाते हैं,,, वो कभी अपनी जफा पर नहीं हुए शर्मिंदा,,, हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते हैं,,, उम्र भर जिनकी वफाओं पे भरोसा करिये ,,,, वक्त पड़ने पर वही लोग बदल जाते हैं,,,
क्यूं उसके सिवा कोई चेहरा नहीं भाता वर्ना दिल लगाने को पूरी कायनात है जाने कहां तन्हा बैठा होगा वो दीवाना किसी हसीं के घर आई आज बारात है वफ़ा का मतलब किससे पूछे विजय हर इंसान के अपने अपने खयालात हैं
Tum Ne Jo Dil Ke Andhere Mein Jalaya Tha Kabhi Wo Diya Aaj Bhi Seene Mein Jala Rakha Hai Dekh Aa Kar Dehalte Huey Jakhmo Ki Bahar Meine Ab Tak Tere Gulshan Ko Saja Rakha Hai
Teri diwangi chalk na jaye aankhon se, Hum har ansu ko dil main dawa lete hain. Tum mere dard ko mita dugi ek din, Isi ummeed mein jakham samhale hain hamane..