यूँ कभी तबाही का जश्न मना लेते हैं,,, अपनी पलकों पे सितारों को सजा लेते हैं,,, तुम तो अपने थे ज़रा हाथ बढाया होता,,, गैर भी डूबने वाले को बचा लेते हैं...
दिल मैं तम्मनाओं को दबाना सीख लिया,,, गम को आँखों मैं छुपाना सीख लिया,,, मेरे चहरे से कोई बात ज़ाहिर न हो,,, इसीलिए दबा के होठों को मुस्कुराना सीख लिया...
यूँ कभी तबाही का जश्न मना लेते हैं,,, अपनी पलकों पे सितारों को सजा लेते हैं,,, तुम तो अपने थे ज़रा हाथ बढाया होता,,, गैर भी डूबने वाले को बचा लेते हैं...
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,,, हाय मौसम की तरह लोग बदल जाते हैं,,, वो कभी अपनी जफा पर नहीं हुए शर्मिंदा,,, हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते हैं,,, उम्र भर जिनकी वफाओं पे भरोसा करिये ,,,, वक्त पड़ने पर वही लोग बदल जाते हैं,,,
क्यूं उसके सिवा कोई चेहरा नहीं भाता वर्ना दिल लगाने को पूरी कायनात है जाने कहां तन्हा बैठा होगा वो दीवाना किसी हसीं के घर आई आज बारात है वफ़ा का मतलब किससे पूछे विजय हर इंसान के अपने अपने खयालात हैं
Tum Ne Jo Dil Ke Andhere Mein Jalaya Tha Kabhi Wo Diya Aaj Bhi Seene Mein Jala Rakha Hai Dekh Aa Kar Dehalte Huey Jakhmo Ki Bahar Meine Ab Tak Tere Gulshan Ko Saja Rakha Hai
Teri diwangi chalk na jaye aankhon se, Hum har ansu ko dil main dawa lete hain. Tum mere dard ko mita dugi ek din, Isi ummeed mein jakham samhale hain hamane..
Dil na todo meri jaan chahe jaan le lo Pyar ka humse aap chahe bayan le lo Likh diya hai aapka naam humne kore kagaz pe Aur aap ho meri jaan humne keh diya apni kismat se
नज़रों को आंसुओ की कमी नहीं होती! फूलों को बहारों की कमी नहीं होती...!! आप क्यूँ इस न चीज को याद करोगे ! आप तो आसमा हो और आसमा को सितारों की कमी नहीं होती !!
यादों ने पास आकर कुछ यूँ गुनगुना दिया ! जैसे किसी ने भुला हुवा फसाना सुना दिया !! जाने क्या बात थी उस गुजरे पल में.....! की दिल रोया लेकिन चेहरा मुस्कुरा दिया !!
यादों के गहरे ज़ख़्म अजीब होते हैं ! अपनों के साथ बिताये लम्हे अज़ीज़ होते हैं !! सदा ताज़ा रहती हैं यादे उनकी....! जो नज़रों के नहीं दिल के करीब होते हैं !!
तुमसे मिलने के बाद, फिर मिलने का मन करता है .... बरसों के बाद फिर जीने का मन करता है ..... बहुत दिनों से देखा नहीं आसमा .. तेरे साथ आसमा में अब उड़ जाने का मन करता है ... तू जैसे कोई फ़रिश्ता कोई अपना सा.... तुझसे हर मोड़ पे जुड़ जाने का मन करता है ... मै नहीं जानता तेरा मेरा क्या रिश्ता है .... पर हर रिश्ता तुझसे निभाने का मन करता है ..... कल तक नहीं थी मेरे पास हंसने की कोई वजह .... अब तेरे संग हर पल मुस्काने का मन करता है .... रातों का जागा कब से नहीं सोया हूँ मै .... सीने पे सर रख के तेरे सो जाने का मन करता है ..... तू है तो मै हूँ .... अब तुझमे मिल जाने का मन करता है
जब कोई रिश्ता अचानक छूट जाता है, ज़िंदगी का हर हसीन लम्हा जैसे रूठ जाता है, चाहे उसके प्यार में वफ़ा की जगह ना हो, फ़िर भी ये नाज़ुक सा दिल पल में टूट जाता है, चाहत हो जाए किसी की नाक़ाम, ख़ुशी का हर पल हाथों से फ़िसल जाता है, फ़िर किसी से दिल लगाने का ख़्वाब, इन आँखों से भी निकल जाता है, चाहे कितनी भी नफ़रत हो उसके लिए, उसे देख ये दिल पिघल जाता है, गर हो जाए तुम्हारी चाहत की सबको ख़बर, तुम्हें चाहने वाला हर दिल बदल जाता है
तुमसे मिल कर मेरी नज़रों में, खुद की ही क़ीमत बढ़ गयी, मेरी अंधेरी दुनिया मे जैसे, रोशनी की झलक पड़ गयी, वादा रहा कि मरते दम तक, ये दोस्ती निभाती जाऊँगी, तुम पर आँच भी आई तो, तुमसे पहले मैं दुनिया से जाऊँगी
मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा…. सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा.....
Pyaar mein mout se darta kaun hai, Pyaar tu ho jaata hai karta kaun hai, Aap jaise dost par ye duniya qurban, Aur aap kehtay ho ke hum par marta kaun hai...
आपका मुस्कराना मुझे देख कर आपका मुस्कराना मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है हो ...मुझे देख कर आपका मुस्कराना ओ हो हो ... मुझे तुम बेगाना कह लो या के दीवाना मगर ये दीवाना जाने दिल का फ़साना बनावट में दिल की हक़ीक़त चुपाना मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है हो ... मुझे देख कर आपका मुस्कराना ओ हो हो ... खयालों में खोयी खोयी रहती हो ऐसे मुसाफ़िर की चलती फिरती तसवीर जैसे अदा आशिक़ी की नज़र शायराना मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है हो ... मुझे देख कर आपका मुस्कराना
तेरी नाराज़गी में भी मुहब्बत है.. ये लोग क्या जाने.. तेरी सजा में भी एक मज़ा है.. ये लोग क्या जाने.. कहते हो के बात नहीं करोगे मुझसे बात करने को तो तुम भी तड़पते हो.. ये लोग क्या जाने.. करते हो मुहब्बत मुझसे बेपनाह तुम भी.. पर छुपाना भी तुम्हारी एक अदा है ये लोग क्या जाने"..
खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए, रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए ! बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत, तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए !!
आप के दिल को सजायेंगे अपने अरमान देकर, आप के लबों को हसांऐगे अपनी"मुस्कान" देकर, "दोस्ती" की कसम तुझे कफ़न से भी उठा लाऐंगे, आप के जिश्म में अपनी जान देकर..
बेताब सा रहते हैं तेरी याद में अक्सर ! रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !! जिस्म में दर्द का बहाना बना के.....! हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
दिल तेरी याद में आहे भरता है, मिलने को तुम्हे पल-पल तड़पता है; मेरा ये सपना टूट न जाये कहीं, बस इसी बात से दिल डरता है| डरोगी तो प्यार केसे करोगी हम तुझे छुपा लेगे अपनी सासो मे फ़िर बोलो तुम किससे डरा करोगी
प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था! वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था! सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को! पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था!
फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी! ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी! जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका! ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
छिप के प्यार कर लेना, दुनियाँ से ना कहना, वरना इस दुनियाँ मे मुश्किल होगा रहना, जिसे प्यार करना उसे भी ना कहना, वरना ठुकरा जाने का गम मुश्किल होगा सहना|
अपनी कसम देकर उसने हमे मजबूर कर दिया, मुझे खुश रखने के लिये खुद से दुर कर दिया, हमारी चाहत को कभी उसने समझा ही नही, और हम थे की उनके लिये अपनो को ही छोड दिया|
दर्द हैं दिल मैं पर इसका ऐहसास नहीं होता … रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता….. बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत मैं …. और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता ……
प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं ! हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !! वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना ! दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!
प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं ! हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !! वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना ! दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!
वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता, धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता, रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं, ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता।
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो; मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो; मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों; मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो!
हमनें जब किया दर्द-ए-दिल बयां, तो शेर बन गया; लोगों ने सुना तो वाह वाह किया, दर्द और बढ़ गया; मोहब्बत की पाक रूह मेरे साँसों में है; ख़त लिखा जब गम कम करने के लिए तो गम और बढ़ गया।
उसको चाहते रहेंगे यूँ उम्र गुजर जायेगी ! मौत आएगी और जिंदगी ले जायेगी !! मेरे मरने पे भी मेरे सनम को रोने न देना ! उसको रोते देख मेरी रूह तड़प जायेगी !!
दर्द हैं दिल मैं पर इसका ऐहसास नहीं होता … रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता….. बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत मैं …. और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता ……
क्या बनाने आए थे, क्या बना बैठे… कहीं मन्दिर बना बैठे, कहीं मस्जिद बना बैठे.. हम से अच्छी तो जात है परिंदों की… कभी मन्दिर पे जा बैठे, कभी मस्जिद पे जा बैठे…
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे मै तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ खुदा न करे. ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मैं खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे. रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर यह और बात है मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे.
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे मै तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ खुदा न करे. ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मैं खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे. रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर यह और बात है मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे.
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे मै तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ खुदा न करे. ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मैं खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे. रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर यह और बात है मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे.
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे मै तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ खुदा न करे. ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मैं खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे. रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर यह और बात है मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे.