तुमसे मिलने के बाद, फिर मिलने का मन करता है ....
तुमसे मिलने के बाद, फिर मिलने का मन करता है ....
बरसों के बाद फिर जीने का मन करता है .....
बहुत दिनों से देखा नहीं आसमा ..
तेरे साथ आसमा में अब उड़ जाने का मन करता है ...
तू जैसे कोई फ़रिश्ता कोई अपना सा....
तुझसे हर मोड़ पे जुड़ जाने का मन करता है ...
मै नहीं जानता तेरा मेरा क्या रिश्ता है ....
पर हर रिश्ता तुझसे निभाने का मन करता है .....
कल तक नहीं थी मेरे पास हंसने की कोई वजह ....
अब तेरे संग हर पल मुस्काने का मन करता है ....
रातों का जागा कब से नहीं सोया हूँ मै ....
सीने पे सर रख के तेरे सो जाने का मन करता है .....
तू है तो मै हूँ .... अब तुझमे मिल जाने का मन करता है
बरसों के बाद फिर जीने का मन करता है .....
बहुत दिनों से देखा नहीं आसमा ..
तेरे साथ आसमा में अब उड़ जाने का मन करता है ...
तू जैसे कोई फ़रिश्ता कोई अपना सा....
तुझसे हर मोड़ पे जुड़ जाने का मन करता है ...
मै नहीं जानता तेरा मेरा क्या रिश्ता है ....
पर हर रिश्ता तुझसे निभाने का मन करता है .....
कल तक नहीं थी मेरे पास हंसने की कोई वजह ....
अब तेरे संग हर पल मुस्काने का मन करता है ....
रातों का जागा कब से नहीं सोया हूँ मै ....
सीने पे सर रख के तेरे सो जाने का मन करता है .....
तू है तो मै हूँ .... अब तुझमे मिल जाने का मन करता है
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