चाहत का नकाब ओढ़ कर आये कातिल हमारे,,,


चाहत का नकाब ओढ़ कर आये कातिल हमारे,,,
 मझधार मैं ही डूब गए साहिल हमारे,,,
 न रुलाने की कसम देनेवाले ही छोड़ गए,,,
 आंसुओं के समंदर आँखों मैं हमारे,,,


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