आपका मुस्कराना मुझे देख कर आपका मुस्कराना

 आपका मुस्कराना मुझे देख कर आपका मुस्कराना मुहब्बत नहीं है
तो फिर और क्या है हो ...मुझे देख कर आपका मुस्कराना ओ हो हो ... मुझे तुम बेगाना कह लो या के दीवाना मगर ये दीवाना जाने दिल का फ़साना बनावट में दिल की हक़ीक़त चुपाना मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है हो ... मुझे देख कर आपका मुस्कराना ओ हो हो ... खयालों में खोयी खोयी रहती हो ऐसे मुसाफ़िर की चलती फिरती तसवीर जैसे अदा आशिक़ी की नज़र शायराना मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है हो ... मुझे देख कर आपका मुस्कराना

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