ज़िंदगी में
ज़िंदगी में कभी तो बन कर आ जाओ ना मेहमान – ज़िंदगी में I कुछ न बचेगा प्यार के सिवा मेरी जान – ज़िंदगी में I बड़ी मुश्किलों से मिलती है कोई पहचान – ज़िंदगी में I खो न देना अपने हंसी चेहरे की मुस्कान – ज़िंदगी में II दोस्ती का दम भरेंगे, दुश्मनी का जाल बिछाकर ये बैरी, पल पल, पग पग मिलेंगे तुम्हे शैतान – ज़िंदगी में I कौन करता याद उस नीली छतरी वाले को जनाब, जो हो जाते हुजूर सभी के पुरे अरमान – ज़िंदगी में I हम तो कलम के हैं सिपाही सच की भाषा बोलेंगे, माँ शारदे का मिला है यही तो वरदान – ज़िंदगी में I ये मक्कारी, शानो-शौकत, ये तेरा-मेरा, जैसे भी हो, हर कोई चाहता है, एक मुट्ठी आसमान – ज़िंदगी में I रास्ते कठिन हैं तो क्या, हिम्मत करो आगे बढ़ो, ज़िंदगी को न समझो यूँ ही आसान – ज़िंदगी में I बातों को दिल से लगाना छोड़ो, जी लो ख़ुशी से, मत हुआ करो छोटी-छोटी बातों से परेशान – ज़िंदगी में I लम्बी है कहानी प्यार की, जो मिलोगे सुनायेंगे कभी, बनती बिगड़ती रहती हैं तकदीरों की दास्तान – ज़िंदगी में I ज़िंदगी से खफा खफा रहते हो क्यूँ इस कदर तुम, मौत कर देगी आकर किसी