जिंदगी भर दर्द से जीते रहे
जिंदगी भर दर्द से जीते रहे ..
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे..
कई बार सोंचा कह दू हाल-ए-दिल उससे..
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे..
हर तरफ खामोशी का साया है,
जिसे चाहते थे हम वो अब पराया है,
गिर पङे है हम मोहब्बत की भुख से,
और लोग कहते है की पीकर आया है
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे..
कई बार सोंचा कह दू हाल-ए-दिल उससे..
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे..
हर तरफ खामोशी का साया है,
जिसे चाहते थे हम वो अब पराया है,
गिर पङे है हम मोहब्बत की भुख से,
और लोग कहते है की पीकर आया है
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