न रास्ता सुझाई देता है, न मंजिल दिखाई देती है,


न रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है...

Photo: Vikram Singh Negi Doston ki duniyan main hum aapke saath hain to karo like

न रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है...

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है;