मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,,,


मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,,,
 हाय मौसम की तरह लोग बदल जाते हैं,,,
वो कभी अपनी जफा पर नहीं हुए शर्मिंदा,,,
हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते हैं,,,
 उम्र भर जिनकी वफाओं पे भरोसा करिये ,,,,
 वक्त पड़ने पर वही लोग बदल जाते हैं,,,

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