क्यूं उसके सिवा कोई चेहरा नहीं भाता
क्यूं उसके सिवा कोई चेहरा नहीं भाता
वर्ना दिल लगाने को पूरी कायनात है
जाने कहां तन्हा बैठा होगा वो दीवाना
किसी हसीं के घर आई आज बारात है
वफ़ा का मतलब किससे पूछे विजय
हर इंसान के अपने अपने खयालात हैं
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