सोच तनिक क्यूँ मन कुन्ठित है अब तक?
सोच तनिक क्यूँ मन कुन्ठित है अब तक?
क्यूँ तेरे हृदय की मन्द गति है अब तक?
प्रेम स्रोत थे यहां निकलने, इस धरती पे,
फिर क्यूँ आँखों पर धूल ढकी है अब तक?
क्यूँ तेरे हृदय की मन्द गति है अब तक?
प्रेम स्रोत थे यहां निकलने, इस धरती पे,
फिर क्यूँ आँखों पर धूल ढकी है अब तक?
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