दर्द होता है मगर शिकवा नहीं करते,
दर्द होता है मगर शिकवा नहीं करते,
कौन कहता है की हम वफा नही करते,
आखिर क्युँ नहीं बदलती तकदीर “आशिक” की
क्या मुझको चाहने वाले मेरे लिए दुआ नहीं करते
कौन कहता है की हम वफा नही करते,
आखिर क्युँ नहीं बदलती तकदीर “आशिक” की
क्या मुझको चाहने वाले मेरे लिए दुआ नहीं करते
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