कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये;
कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये;
आपको जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये;
ना फूलों की ज़रूरत ना कलियों की;
जहाँ आप पैर रख दो वहीं कश्मीर बन जाये।
आपको जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये;
ना फूलों की ज़रूरत ना कलियों की;
जहाँ आप पैर रख दो वहीं कश्मीर बन जाये।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें