कभी कभी ये दिल जरूर रोता है,
कभी कभी ये दिल जरूर रोता है,
जब कोई अपना मिलकर नज़रो से दूर होता है
क्यो रोती है कमबख्त ये आंखे,
क्यो की दिल से ज्यादा इनका ही कसूर होता है
जब कोई अपना मिलकर नज़रो से दूर होता है
क्यो रोती है कमबख्त ये आंखे,
क्यो की दिल से ज्यादा इनका ही कसूर होता है
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