ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का,
ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का,
हमने खुद को खुशनसीब पाया,
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया.
दिल से लिखी बाते दिल को छू जाती है ,
यह अक्सर उनकाही बात कह जाती हे ,
कुछ लोग दोस्ती के मायने बदल देते है ,
और कुछ लोगो की दोस्ती से दुनिया बदल जाती है ..
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