खुशी न मिल सकी लाख मुस्करा कर हारे
खुशी न मिल सकी लाख मुस्करा कर हारे ,
वो हमारे हो ना सके अपना बना के हारे ।
रौशनी के एक कतरे को तरसते रह गए हम ,
उजाला हो न सका दिल जला जला कर हारे ।
वो हमारे हो ना सके अपना बना के हारे ।
रौशनी के एक कतरे को तरसते रह गए हम ,
उजाला हो न सका दिल जला जला कर हारे ।
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