कहीं न कहीं बातों की अदा है दोस्ती

कहीं न कहीं बातों की अदा है दोस्ती,
हर गम की सिर्फ़ एक दावा है दोस्ती ,
सिर्फ़ कमी है महसूस करने वालो की,
महसूस करो तो ज़मीन पे ज़न्नत हैदोस्ती ।

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