एक पल एहसास बन के आते हो
एक पल एहसास बन के आते हो ,
और दुसरे पल ख्वाब बन के उड़ जाते हो ।
ये मालूम है के तन्हाई से डर है हमें ,
फ़िर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो ।
और दुसरे पल ख्वाब बन के उड़ जाते हो ।
ये मालूम है के तन्हाई से डर है हमें ,
फ़िर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो ।
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