फ़िर दिन ढल गया फिर रात आ गई
फ़िर दिन ढल गया फिर रात आ गई ,
फिर तन्हाई मे जाने की बात आ गयी ,
अभी तो तारों की पनाह मे बैठे थे,
की चाँद को देखा तो आप की याद आ गयी ।
फिर तन्हाई मे जाने की बात आ गयी ,
अभी तो तारों की पनाह मे बैठे थे,
की चाँद को देखा तो आप की याद आ गयी ।
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