कलम उठाई है लफज नहीं मिलता लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप मार्च 30, 2015 “कलम उठाई है लफज नहीं मिलता जिसको ढूढ रहे है वा शख्स नहीं मिलता फिरते है वा जमाने के साथ बस हमारे लिये उन्हे वकत नहीं मिलता ” लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; अक्तूबर 03, 2015 सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; ये मेरे होंठों पे पहली फरियाद होती है। सुप्रभात! और पढ़ें
जुदाई आपकी रुलाती रहेगी; अक्तूबर 03, 2015 जुदाई आपकी रुलाती रहेगी; याद आपकी आती रहेगी; पल-पल जान जाती रहेगी; जब तक जिस्म में है जान; मेरी हर सांस यारी निभाती रहेगी। गुड मॉर्निंग! और पढ़ें
सुबह की हलकी रौशनी, परिंदो के सुरीले गीत, अक्तूबर 03, 2015 सुबह की हलकी रौशनी, परिंदो के सुरीले गीत, हवा के मधेयम झोंके, रंग बिरंगे फूलों की दीद। सुप्रभात! और पढ़ें
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें