अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका

अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका
दिलों के दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती
साल दर साल मै ही उम्र न देता इसको
तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं रहती

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