पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं
पलकों के
किनारे हमने भिगोये ही नहीं …..
वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं ...
वो पूछते हैं कि ख्वाबों मैं किसे देखते हो…..
हम हैं कि एक उम्र से सोये ही नहीं ……
वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं ...
वो पूछते हैं कि ख्वाबों मैं किसे देखते हो…..
हम हैं कि एक उम्र से सोये ही नहीं ……
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