किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,

किस हद तक जाना है ये कौन जानता है
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है

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